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१४ मंसिर २०८२, शनिबार
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नेपाल में जेन–जी आंदोलन से उत्पन्न संकट: नेता सेना की सुरक्षा में, कैदी नियंत्रण अभियान तेज

नेपाल में जेन–जी आंदोलन से उत्पन्न संकट: नेता सेना की सुरक्षा में, कैदी नियंत्रण अभियान तेज

काठमांडू — नेपाल में जारी जेन–जी आंदोलन ने देश को राजनीतिक अस्थिरता और सुरक्षा संकट की ओर धकेल दिया है। इस बीच, नेपाली सेना ने राजनीतिक नेताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ-साथ देशभर में कैदियों द्वारा भागने की घटनाओं को रोकने के लिए व्यापक अभियान चलाया है।

️ नेता सेना की सुरक्षा में

प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद केपी शर्मा ओली को शिवपुरी स्थित नेपाली सेना के स्टाफ कॉलेज में रखा गया है। उनके साथ पुष्पकमल दाहाल ‘प्रचण्ड’, माधवकुमार नेपाल, झलनाथ खनाल, प्रकाशमान सिंह, विष्णु पौडेल समेत कई वरिष्ठ नेता भी सेना की सुरक्षा में हैं।

कांग्रेस अध्यक्ष शेरबहादुर देउवा और उनकी पत्नी को आंदोलनकारियों द्वारा हाथापाई के बाद बुढानिलकण्ठ स्थित निवास से सेना ने सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। देउवा अस्पताल में उपचाररत हैं और उनकी स्थिति में सुधार हो रहा है।

️ राजनीतिक संवाद की पहल

तीनों प्रमुख दल — कांग्रेस, एमाले और माओवादी — ने संविधान के दायरे में समाधान खोजने के लिए अनौपचारिक संवाद शुरू किया है। कांग्रेस ने युवाओं की आकांक्षाओं के अनुरूप पार्टी को पुनर्निर्माण करने की प्रतिबद्धता जताई है। एमाले ने राष्ट्रपति से आग्रह किया है कि युवाओं की मांगों को लोकतांत्रिक और संवैधानिक तरीके से संबोधित किया जाए। माओवादी नेता जनार्दन शर्मा ने चेतावनी दी है कि यदि संविधान की रक्षा नहीं हुई तो अराजकता बढ़ सकती है।

कैदी नियंत्रण अभियान

देशभर में कैदियों द्वारा भागने की कोशिशों को रोकने के लिए नेपाली सेना ने कई सफल अभियान चलाए:

  • राजविराज जिला कारागार से भागने की कोशिश कर रहे 192 कैदियों को सेना ने पकड़ा।
  • कञ्चनपुर में भारतीय सीमा सुरक्षा बल ने भारत की ओर भाग रहे 7 कैदियों को पकड़कर नेपाली सेना को सौंपा।
  • रामेछाप जिला कारागार में झड़प के दौरान सेना की गोलीबारी में 12 कैदी घायल और 2 की मृत्यु हुई।

गौर जिला कारागार से सामूहिक फरार

मंगलवार रात को जेन–जी आंदोलन का फायदा उठाकर गौर जिला कारागार से 291 में से 212 कैदी फरार हो गए। अब तक:

  • 79 कैदी नियंत्रण में लाए गए हैं।
  • 17 कैदियों को भारतीय सीमा सुरक्षा बल (SSB) ने भारत-नेपाल सीमा पर पकड़कर बैरगनिया पुलिस के सहयोग से वापस गौर कारागार भेजा।
  • इनमें नेपाल और भारत दोनों के नागरिक शामिल हैं।
  • इससे पहले बुधवार को, नेपाल पुलिस, सशस्त्र प्रहरी और नेपाली सेना की संयुक्त टीम ने जिले के विभिन्न स्थानों से 34 फरार कैदियों को गिरफ्तार किया।

प्रमुख जिला अधिकारी विनोद कुमार खड्का ने सभी फरार कैदियों से तत्काल आत्मसमर्पण करने की अपील की है।

शंकास्पद वस्तु निष्क्रिय

काभ्रेपलान्चोक, बनेपा-९ में मिले शंकास्पद वस्तु को नेपाली सेना ने सुरक्षित रूप से निष्क्रिय किया।

हतियार बरामदगी

अब तक सेना द्वारा 94 नाल विभिन्न प्रकार के हथियार बरामद किए गए हैं।